नफ़रत करूँ भी तुझसे तो कैसे करूँ,
जब नाम इसका तुझसे जुड़ता है..... न जाने क्यों,
नफ़रत से भी "मोहब्बत" सी हो जाती है...!!!
Surbh! Nema
प्यार मोहब्बत आशिकी..ये बस अल्फाज थे..मगर.. जब तुम मिले..तब इन अल्फाजो को मायने मिले..
बड़ा गजब किरदार है मोहब्बत का,अधूरी हो सकती है मगर ख़तम नहीं !!
Nice Lines.. :)
प्यार मोहब्बत आशिकी..
ReplyDeleteये बस अल्फाज थे..
मगर.. जब तुम मिले..
तब इन अल्फाजो को मायने मिले..
बड़ा गजब किरदार है मोहब्बत का,अधूरी हो सकती है मगर ख़तम नहीं !!
ReplyDeleteNice Lines.. :)
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