Sunday 29 January 2017

!!!...मोहब्बत...!!!

नफ़रत करूँ भी तुझसे तो कैसे करूँ,

जब नाम इसका तुझसे जुड़ता है.....
न जाने क्यों,

नफ़रत से भी "मोहब्बत" सी हो जाती है...!!!


                                          Surbh! Nema

3 comments:

  1. प्यार मोहब्बत आशिकी..
    ये बस अल्फाज थे..

    मगर.. जब तुम मिले..
    तब इन अल्फाजो को मायने मिले..

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  2. बड़ा गजब किरदार है मोहब्बत का,अधूरी हो सकती है मगर ख़तम नहीं !!

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