हाँ हमने ही कहा था,
तेरे संग ना चल सकेंगे अब,
पर तूने एक विश्वास बँधाया तो होता ।
खुदा कसम.....
आँखें मूँदे थाम लेते तेरा हाथ,
पर तूने वो हाथ कभी बढ़ाया तो होता...!!!
✍सुरभि
हाँ हमने ही कहा था,
तेरे संग ना चल सकेंगे अब,
पर तूने एक विश्वास बँधाया तो होता ।
खुदा कसम.....
आँखें मूँदे थाम लेते तेरा हाथ,
पर तूने वो हाथ कभी बढ़ाया तो होता...!!!
✍सुरभि
अल्फ़ाज़ नहीं अरदास है मेरी,
जश्न से मुल्क सरोबार कर ।
सज़दा कर रही है कलम मेरी,
"तिरंगा" तू स्वीकार कर ।
✍सुरभि
खरीदी तो बड़े बाज़ारों में होती है जनाब,
फुटपाथों पर तो अब भी....
बस "भाव" हुआ करते हैं...!!!
✍सुरभि