अल्फाज़, मेरी कलम से...!!!
Tuesday, 23 January 2018
!!!... साया ...!!!
कभी साया थे तेरा ये केश हमारे,
देख फिर ये तेरा साया बन गए ।
आज भींगी जो पलकें याद में तेरी,
उलझ के खुद अश्कों की काया बन गए...!!!
✍ सुरभि
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