हम तो मशरूफ़ रहे जीत के जश्न में ही,
और ये दिल एक गुस्ताख़ी कर बैठा ।
ना जाने क्या बात थी उसकी मुस्कुराहट में,
कमबख़्त हमसे ही बेवफाई कर बैठा...!!!
Surbh! Nema
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