शायर नहीं जनाब,
मोहब्बत के हकीम हैं वो....
जो अपने ही ज़ख़्मों को खुरेद,
अल्फ़ाज़ों का मरहम बनाते हैं...!!!
Surbh! Nema
वाह...बहुतखूब.
शुक्रिया🙏🙏
वाह...बहुतखूब.
ReplyDeleteशुक्रिया🙏🙏
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