भोर हुयी थी आज मेरी,
माँ तेरी गोद में सोते-सोते ।
फिर ख्वाबों की डोर उलझी कुछ यूँ....
कि फासले हो गए मीलों के तुझसे,
मेरी ये सान्झ होते-होते ।
Surbh! Nema
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