हर रोग स्वीकार है,
हर मर्ज स्वीकार है,
तू बैरागी है तो क्या हुआ...
तेरी इस प्रेम-पुजारन को,
तेरा ये बैराग भी स्वीकार है...!!!
Surbh! Nema
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