धर्म-जाति के फ़ासलों को छोड़,
आओ हम सब एक "भारत" बन जाएँ ।
मंदिर-मस्जिद कभी और बना लेंगे ए-दोस्त.....
पहले हम इंसान तो बन जाएँ...!!!
Surbh! Nema
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